नवरात्रि की चौथी देवी माँ कुष्मांडा :

नवरात्रि में चौथे दिन देवी को कूष्मांडा के रूप में पूजा जाता है।

अपनी मंद, हल्की हंसी के द्वारा अण्ड यानी ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इस देवी को कूष्मांडा नाम से अभिहित किया गया है।

जब सृष्टि नहीं थी, चारों तरफ अंधकार ही अंधकार था, तब इसी देवी ने अपने ईषत्‌ हास्य से ब्रह्मांड की रचना की थी।

इसीलिए इसे सृष्टि की आदिस्वरूपा या आदिशक्ति कहा गया है।

NEXT - मेरी हर कामना का आधार हैं शिव, मेरी हर नदी की नाव हैं शिव, मेरी हर सांस का मालिक हैं शिव. !! ॐ नम: शिवाय: !!