हनुमान के नाम से हो जाते हैं पूर्ण काम रहे कृपा कपि की उसका कौन बिगाड़े नाम।।

Bhajan Sangrah

ईर्ष्या द्वेष का जहां नाश होता है वहां हनुमान जी का वास होता है।।

Bhajan Sangrah

जिनको श्रीराम का वरदान है, गदाधारी जिनकी शान है, बजरंगी जिनकी पहचान है, संकट मोचन वह हनुमान है, जय बजरंगबली।

Bhajan Sangrah

मेरा हनुमान है महान,जो कोई करता इसका सम्मान जीत लेता वह सारा जहान,बढ़ जाता है उसका मान।।

Bhajan Sangrah

कण-कण में शिव का वास है जन-जन में व्याप्त श्री राम मां जानकी हृदय बिराजे, मन को भावे श्री हनुमान।।