अनुमान मन की कल्पना है, और अनुभव जिंदगी का सबक है । सच्ची खुशी तभी होती है, जब आपकी सोच, कथन और कर्म में समानता हो।

Bhajan Sangrah

जैसे तेल समाप्त हो जाने पर दीपक बुझ जाता है.., उसी प्रकार कर्म के क्षीण हो जाने पर भाग्य भी नष्ट हो जाता है।

Bhajan Sangrah

मौन सबसे अच्छा उत्तर है किसी ऐसे व्यक्ति के लिए जो आपके शब्दों को महत्व नही देता..!!

Bhajan Sangrah

..इंसान चाहे जितना भी खुद को व्यस्त रखले, जिससे वो प्रेम करता है उसकी यादों से नही बच सकता..

Bhajan Sangrah

समय कभी नहीं रुकता आज यदि बुरा चल रहा है तो कल अवश्य अच्छा आएगा आप केवल निस्वार्थ भाव से कर्म कीजिए और वही आपके हाथ में है ।