अनुमान मन की कल्पना है, और अनुभव जिंदगी का सबक है । सच्ची खुशी तभी होती है, जब आपकी सोच, कथन और कर्म में समानता हो।

जैसे तेल समाप्त हो जाने पर दीपक बुझ जाता है.., उसी प्रकार कर्म के क्षीण हो जाने पर भाग्य भी नष्ट हो जाता है।

मौन सबसे अच्छा उत्तर है किसी ऐसे व्यक्ति के लिए जो आपके शब्दों को महत्व नही देता..!!

..इंसान चाहे जितना भी खुद को व्यस्त रखले, जिससे वो प्रेम करता है उसकी यादों से नही बच सकता..

समय कभी नहीं रुकता आज यदि बुरा चल रहा है तो कल अवश्य अच्छा आएगा आप केवल निस्वार्थ भाव से कर्म कीजिए और वही आपके हाथ में है ।

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