मुझे नहीं किसी और को पाने की तृष्णा मेरे गुरु मेरे आराध्य हो आप श्री कृष्णा..!!

किससे कब और कितना बोलना है अगर तुमने यह समझ लिया तो तुम अपनी जिंदगी के सार्थक बन चुके हो..!!

प्रेम का अर्थ विवाह करना नहीं होता बल्कि पूरी निष्ठा के साथ समर्पण करना होता है !

किससे कब और कितना बोलना है अगर तुमने यह समझ लिया तो तुम अपनी जिंदगी के सार्थक बन चुके हो..!!

मुश्किल वक़्त हमारे लिए आइनें कि तरह होता है, जो हमारी क्षमताओं का सही आभास हमें कराता है।

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