कुंभकर्ण 6 महीने क्यों सोता था?

क्या आप इस के बारे में जानते हैं कि कुंभकरण एक बहुत ही शक्तिशाली राक्षस था, जिसने भगवान ब्रह्मा की तपस्या करके उनको प्रसन्न किया था।

इस पर ब्रह्मा जी ने उसे कहा की मांगों क्या वरदान मांगना चाहते हो। तब कुंभकरण ब्रह्मा जी से वरदान में इंद्रासन मांगना चाहता था लेकिन उसके मुख से

इन्द्रासन की जगह निद्रासन निकल गया। कहा जाता है की उस समय माता सरस्वती स्वर्ग को राक्षसों से बचाने के लिए कुंभकरण के मुख में विराजमान हो गई थीं।

इस प्रकार कुम्भकर्ण का वरदान उसके शाप में बदल गया.

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