जहां कर्म से भाग्य बदलते श्रम निष्ठा कल्याणी हो धन देवी की कृपा से उस घर में वैभव की बारिश हो। ।

थाल को सजाए रखना, आसन तुम लगाए रखना मां आएंगी द्वार तुम्हारे, झोली को फैलाए रखना। ।

जब आप कर्म का फावड़ा चलाओगे तब अपने निकट मां लक्ष्मी को पाओगे। ।

करता हूं मैं नित्य पूजा अब तो मां स्वीकार करो अधम अबोध बालक हूं अपनी कृपा का पात्र करो। ।

मैंने पूछा भगवान से कैसे करूं आपकी पूजा, भगवान बोले तू खुद भी मुस्कुरा, औरों को भी मुस्कुराने की वजह दे, बस हो गई पूजा।

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