दिल खुशी से मचल जाता है जब महादेव का सोमवार आता है |

मैं बचपन से भोले का पुजारी डमरू का मुझे जोग लगा रोया नहीं कभी शिव भक्ति मे शिव चरणों का मुझे रोग लगा |

मेरे हँसते हुए चेहरे पर मुझे नाज़ है, भोले से मेरा कल और मेरा आज है |

भटक भटक के मैं जग हारा, संकट में दिया ना कोई साथ । सुलझ गई हर एक समस्या, महादेव ने जब पकड़ा हाथ ।।

मेरी हैसियत से ज्यादा मेरे थाली में तूने परोसा है, तु लाख मुश्किलें भी दे दे मालिक, मुझे तुझपे भरोसा है

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