Current Date: 27 Jul, 2024

ऐसा डमरू बजाया - Avinash Karn


M:-    मैं हिमाचल की बेटी, मेरा भोला बसे काशी,
    सारी उमर तेरी सेवा करुँगी, बनकर तेरी दासी
    शिव शिव शिव शम्भो

M:-    ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने,सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया -2
    सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया,सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया
    ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने,सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया -2 

M:-    डमरू को सुन कर जी कान्हा जी आये -२
    कान्हा जी आये संग राधा भी आये
    डमरू को सुन कर जी कान्हा जी आये 
    कान्हा जी आये संग राधा भी आये
    वहाँ सखियों का मन भी मगन हो गया,ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
    ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने,सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया

M:-    डमरू को धुन सुन  गणपत चले हैं -२
    गणपत चले संग कार्तिक चले,
    डमरू को धुन सुन  गणपत चले हैं
    गणपत चले संग कार्तिक चले
    वहाँ अम्बे का मन भी मगन हो गया
    वहाँ सखियों का मन भी मगन हो गया,ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
    ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने,सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया

M:-    डमरू को सुन कर जी रामा जी आये -2
    रामा जी आये संग लक्ष्मण जी आये
    डमरू को सुन कर जी रामा जी आये
    रामा जी आये संग लक्ष्मण जी आये
    मैया सीता का मन भी मगन हो गया ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
    ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने,सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया

M:-    डमरू को सुन कर जी ब्रह्मा चले-2
    जहाँ ब्रह्मा चले वहाँ विष्णु चले
    डमरू को सुन कर जी ब्रह्मा चले
    जहाँ ब्रह्मा चले वहाँ विष्णु चले
    मैया लक्ष्मी का मन भी मगन हो गया ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने
    ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने,सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया
 

अगर आपको यह भजन अच्छा लगा हो तो कृपया इसे अन्य लोगो तक साझा करें।