तू भी तो कोनी आवे,
दुनिया बावलियों बतलावे।
दोहा – सावन आवन कह गया रे,
कर गया कोल अनेक,
गिणता गिणता घिस गई रे,
म्हारी आंगलिया री रेख।
तू भी तो कोनी आवे,
दुनिया बावलियों बतलावे,
थारी ओल्यू घणी आवे,
दुनिया बावलियों बतलावे,
बावलियों बतलावे रे मन्ने,
बावलियों बतलावे रे मन्ने,
बावलियों बतलावे,
तु भी तो कोनी आवे,
दुनिया बावलियों बतलावे,
थारी ओल्यू घणी आवे,
दुनिया बावलियों बतलावे।।
हेलो सुण ले सांवरा रे,
हो गई घणी अंधेर,
तू ही तो खाया से झूठा,
भीलनी के घर बेर,
तरसावे सांवरिया तू क्यों,
हिवड़ो हरी जस गावे,
तु भी तो कोनी आवे,
दुनिया बावलियों बतलावे,
थारी ओल्यू घणी आवे,
दुनिया बावलियों बतलावे।।
बिच सभा में खड़ी द्रोपदी,
नैना बरसे नीर,
तू ही बता गिरधारी वाको,
कौण बढ़ायो चीर,
डुब्या गज ने भाग बचायो,
सांवरिया क्यों सतावे,
तु भी तो कोनी आवे,
दुनिया बावलियों बतलावे,
थारी ओल्यू घणी आवे,
दुनिया बावलियों बतलावे।।
नींदडली दिन रात कटे रे,
कद खिचोला डोर,
कुछ भी कोन्या भावे जब से,
ले गयो तू चित चोर,
प्रीत लगाकर के पछताणो,
प्रीत लगाकर के पछताणो,
‘लहरी’ हसतो जावे रे,
तु भी तो कोनी आवे,
दुनिया बावलियों बतलावे,
थारी ओल्यू घणी आवे,
दुनिया बावलियों बतलावे।।
तू भी तो कोनी आवे,
दुनिया बावलियों बतलावे,
थारी ओल्यू घणी आवे,
दुनिया बावलियों बतलावे,
बावलियों बतलावे रे मन्ने,
बावलियों बतलावे रे मन्ने,
बावलियों बतलावे,
तु भी तो कोनी आवे,
दुनिया बावलियों बतलावे,
थारी ओल्यू घणी आवे,
दुनिया बावलियों बतलावे।।
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