राम को देख कर श्री जनक नंदिनी,
बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गयी,
राम देखे सिया माँ सिया राम को,
चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी
राम को देख कर.....
थे जनकपुर गये देखने के लिए,
सारी सखियाँ झरोकान से झाँकन लगी,
देखते ही नजर मिल गयी दोनों की,
जो जहाँ थी खड़ी की खड़ी रह गयी
राम को देख कर श्री जनक नंदिनी,
बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गयी..
बोली है एक सखी राम को देखकर,
रच दिए है विधाता ने जोड़ी सुघर,
पर धनुष कैसे तोड़ेंगे वारे कुंवर,
सब में शंका बनी की बनी रह गयी
राम को देख कर श्री जनक नंदिनी,
बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गयी..
सारी सखियाँ लगी करने यह प्रार्थना,
शिव-धनुष को हे शिवजी, सरल कीजिए।
प्रेम सखियों का पढ़कर हुई व्याकुल सिया,
भाव-विह्वल पड़ी की पड़ी रह गई।
राम को देख कर श्री जनक नंदिनी,
बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गयी..
Credit Details :
Song - Ram Ko Dekh Kar Shri Janak Nandini-Lofi
Singer - Surabhi Tiwari
Music - Suraj Vishwakarma
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