नैनो से बरसाए ज्वाला पहनी है मुंडो दो की माला
आज नहीं तीनो लोको में काली को कोई रोकने वाला
धरती धड़की बिजली कड़की,जब तलवार उठाई
काल पापियों का बन आयी,आज कालका माई
रक्त बीज का रक्त पिया है,चण्ड मुंड संहार दिये
पालक झपकते ही मधु कैटभ मौत के घाट उतार दिए
राण चंडी ने राण भूमि में,ऐसी परलाह मचाई
काल पापियों का बन आई, आज कालका माई
केश खोलकर किया तांडव, माँ कलकत्ते वाली ने
आग लगादी उधर जिधर भी,दो पल देखा काली ने
माँ कलकत्ते वाली भस्म कर दिया उसे देखली
जिसकी भी परछाई, क्रोध देख कर महाकाली का
महाकाल घबराये लोट गए चंडी की राह में
सुझा यही उपाय शिव को चरणों में जब देखा
तब तलवार गिरायी मुस्का कर बोले भोले
तेरी जय हों तेरी जय हो कालका माई
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