Current Date: 11 Oct, 2024

जानकी स्तुति - भई प्रगट कुमारी (Janaki Stuti - Bhai Pragat Kumari)

- Maithili Thakur


जानकी स्तुति - भई प्रगट कुमारी हिंदी में (Janaki Stuti - Bhai Pragat Kumari in hindi)

भई प्रगट कुमारी
भूमि-विदारी
जन हितकारी भयहारी ।
अतुलित छबि भारी
मुनि-मनहारी
जनकदुलारी सुकुमारी ॥

रामायण का सबसे सुन्दर भजन : जन जन के प्रिये राम लखन सिया वन को जाते हैं

सुन्दर सिंहासन
तेहिं पर आसन
कोटि हुताशन द्युतिकारी ।
सिर छत्र बिराजै
सखि संग भ्राजै
निज -निज कारज करधारी ॥

सुर सिद्ध सुजाना
हनै निशाना
चढ़े बिमाना समुदाई ।
बरषहिं बहुफूला
मंगल मूला
अनुकूला सिय गुन गाई ॥

रुला देने वाला रामायण भजन: हे राम अयोध्या छोड़ कर वन मत जाओ

देखहिं सब ठाढ़े
लोचन गाढ़ें
सुख बाढ़े उर अधिकाई ।
अस्तुति मुनि करहीं
आनन्द भरहीं
पायन्ह परहीं हरषाई ॥

ऋषि नारद आये
नाम सुनाये
सुनि सुख पाये नृप ज्ञानी ।
सीता अस नामा
पूरन कामा
सब सुखधामा गुन खानी ॥

रविंद्र जैन जी का मनमोहक भजन: मेरे लखन दुलारे बोल कछु बोल

सिय सन मुनिराई
विनय सुनाई
सतय सुहाई मृदुबानी ।
लालनि तन लीजै
चरित सुकीजै
यह सुख दीजै नृपरानी ॥

सुनि मुनिबर बानी
सिय मुसकानी
लीला ठानी सुखदाई ।
सोवत जनु जागीं
रोवन लागीं
नृप बड़भागी उर लाई ॥

अति सुन्दर राम भजन: ओ माइयाँ तैने क्या ठानी मन में

दम्पति अनुरागेउ
प्रेम सुपागेउ
यह सुख लायउँ मनलाई ।
अस्तुति सिय केरी
प्रेमलतेरी
बरनि सुचेरी सिर नाई ॥

दोहा:
निज इच्छा मखभूमि ते प्रगट भईं सिय आय ।
चरित किये पावन परम बरधन मोद निकाय ॥

 

 

जानकी स्तुति - भई प्रगट कुमारी अंग्रेजी में (Janaki Stuti - Bhai Pragat Kumari in english)

Bhai Pragat Kumari
Bhoomi-vidari
Jan Hitkari Bhayhari ।
Atulit Chhabi Bhari
Muni-manhari
Janakdulari Sukumari ॥

The most beautiful hymn of Ramayana: Jan Jan Ke Priye Ram Lakhan Siya Van Ko Jaate Hain

Sundar Sinhasan
Tehin Par Aasan
Koti Hutashan Dyutikari ।
Sir Chhatr Birajai
Sakhi Sang Bhrajai
Nij -nij Karaj Kardhari ॥

Sur Siddh Sujana
Hanai Nishana
Chadhe Bimana Samudai ।
Barashahin Bahuphoola
Mangal Moola
Anukoola Siy Gun Gai ॥

Crying Ramayana Bhajan: Hey Ram Ayodhya Chhodh Ke Van Mat Jao

Dekhahin Sab Thadhe
Lochan Gadhen
Sukh Badhe Ur Adhikai ।
Astuti Muni Karahin
Aanand Bharahin
Payanh Parahin Harashai ॥

Rishi Narad Aaye
Naam Sunaye
Suni Sukh Paye Nrp Gyani ।
Sita Ash Nama
Pooran Kama
Sab Sukhdhama Gun Khani ॥

Ravindra Jain's beautiful hymn: Mere Lakhan Dulare Bol Kachhu Bol

Siy San Munirai
Vinay Sunai
Satay Suhai Mridubani ।
Lalani Tan Lijai
Charit Sukijai
Yah Sukh Dijai Nriprani ॥

Suni Munibar Bani
Siy Muskani
Lila Thani Sukhdai ।
Sovat Janu Jagin
Rovan Lagin
Nrip Badabhagi Ur Lai ॥

Beautiful Ram Bhajan: O Maiyya Tene Kya Thaani Mann Mein

Dampati Anurageu
Prem Supageu
Yah Sukh Layun Manlai ।
Astuti Siy Keri
Premlateri
Barani Sucheri Sir Nai ॥

Doha:
Nij Ichchha Makhbhoomi Te Pragat Bhin Siy Aaya ।
Charit Kiye Pavan Param Bardhan Mod Nikay ॥

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