मां ब्रह्मचारिणी की कथा
मां ब्रह्मचारिणी ने राजा हिमालय के घर जन्म लिया था। देवऋषि नारद जी की सलाह पर उन्होंने कठोर तप किया ताकि वह भगवान शिव को पति स्वरूप में प्राप्त कर सकें। कठोर तप की वजह से उनका नाम ब्रह्मचारिणी या तपश्चारिणी पड़ा। भगवान शिव की आराधना के दौरान उन्होंने हजार सालों तक केवल फल-फूल खाएं और सौ वर्ष तक साग खाकर जीवित रहीं। कठोर तप से उनका शरीर कमजोर हो गया। मां ब्रह्मचारिणी का तप देखकर सभी देवता, ऋषि-मुनि अत्यंत प्रभावित हुए और उन्होंने वरदान किया कि देवी आपके जैसा तक कोई नहीं कर सकता है। आपकी मनोकामनाएं अवश्य पूरी होगी और भगवान शिव आपको पति स्वरूप में प्राप्त होंगे और ऐसा ही हुआ।
Singer - Prem Prakash Dubey
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