Current Date: 01 Nov, 2024

तेरी पनाह में आया, मुझे पनाह तो दे

- लखबीर लक्खा


तेरी पनाह में आया,
मुझे पनाह तो दे,
हे साईं अपनी करम वाली,
एक निगाह तो दे,
तेरी पनाह मे आया,
मुझे पनाह तो दे।।


ना कोई आस ना उम्मीद है,
दिल उब गया,
गमो के गहरे भवर में,
मैं बाबा डूब गया,
मैं फिर से जी लूं,
जिंदगी की ऐसीे चाहे तो दे।

तेरी पनाह मे आया,
मुझे पनाह तो दे।।


बिछड़ रही है मुझी से ही,
मेरी परछाई,
तू जान कर भी मेरा हाल,
चुप है क्यों साईं,
भटक गया हूँ,
मेरे बाबा नई राह तो दे।

तेरी पनाह मे आया,
मुझे पनाह तो दे।।


ये तेरे साथ जो बांधी है,
डोर टूटे ना,
मेरे लबों से तेरा नाम,
कभी रूठे ना,
ये तेरा मेरा जो रिश्ता है,
तू निभाह तो दे।

तेरी पनाह में आया,
मुझे पनाह तो दे।।


तेरी पनाह में आया,
मुझे पनाह तो दे,
हे साईं अपनी करम वाली,
एक निगाह तो दे,
तेरी पनाह में आया,
मुझे पनाह तो दे।।

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