Current Date: 10 May, 2024
Sabke Ram APP

ठुमक चलत रामचंद्र - अदिति।


ठुमक चलत रामचंद्र,
बाजत पैंजनियां।।

किलकि किलकि उठत धाय,
गिरत भूमि लटपटाय,
धाय मात गोद लेत,
दशरथ की रनियां,
ठुमक चलत रामचन्द्र,
बाजत पैंजनियां।।

अंचल रज अंग झारि,
विविध भांति सो दुलारि,
तन मन धन वारि वारि,
कहत मृदु बचनियां,
ठुमक चलत रामचन्द्र,
बाजत पैंजनियां।।

विद्रुम से अरुण अधर,
बोलत मुख मधुर मधुर,
सुभग नासिका में चारु,
लटकत लटकनियां,
ठुमक चलत रामचन्द्र,
बाजत पैंजनियां।।

तुलसीदास अति आनंद,
देख के मुखारविंद,
रघुवर छबि के समान,
रघुवर छबि बनियां,
ठुमक चलत रामचन्द्र,
बाजत पैंजनियां।।

ठुमक चलत रामचंद्र,
बाजत पैंजनियां।।

Singer - अदिति।